हिंदी दिवस के अवसर पर भारतीय दूतावास के जवाहर लाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित समारोह में रूस के एक स्थानीय स्कूल और तीन विश्वविद्यालयों के सैकड़ों हिंदी छात्र-छात्राओं और हिंदी शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
हिंदी दूत प्रभात शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा, 'मुझे आपको प्रोत्साहित करने के लिए बुलाया गया है लेकिन इसके विपरीत आप हमें प्रोत्साहित कर रहे हैं। सोवियत दौर में हिंदी पढ़ने का सरकारी आदेश था लेकिन आज मैं आपके चेहरे को देख कर लगता है कि आप अपनी इच्छा से हिंदी और भारतीय संस्कृति पढ़ रहे हैं।'
जूनियर स्कूल की एक छात्रा मारिया कोजलोवा ने मंगलवार रात 'सबसे न्यारी सबसे प्यारी हमारी हिंदी' के कविता पाठ से दर्शकों को मुग्ध कर दिया। रूस में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को सिखने का मुख्य केंद्र मास्को स्टेट युनिवर्सिटी और अंतरराष्ट्रीय संबंध संस्थान के छात्रों ने कविता पाठ किया और हिंदी गीत गाए।
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एक यह लोग है जो हिंदी सीखने को आतुर है एक हमारे यहाँ का युवा है जो हिंदी भूलने को आतुर है !! खुदा जाने कब समझेगे यह लोग कि अपनी भाषा जानने से कोई 'BACKWARD' नहीं हो जाता !?
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खैर जनाब , हम तो खुद 'BACKWARD' है हम इन 'FORWARD ' लोगो को क्या सिखायेंगे ??
हम तो बस अपनी आदत के मुताबिक कहेते रहेगे .................जागो सोने वालो .................
मुझे तो इस बात पर आश्चर्य लग रहा है आखिर मुझ पर ऐसा घिनौना इल्ज़ाम क्यूँ लगाया गया? मैं भला अपना नाम बदलकर किसी और नाम से क्यूँ टिपण्णी देने लगूं? खैर जब मैंने कुछ ग़लत किया ही नहीं तो फिर इस बारे में और बात न ही करूँ तो बेहतर है! आप लोगों का प्यार, विश्वास और आशीर्वाद सदा बना रहे यही चाहती हूँ!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने! हिन्दी दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें!
खुदा जाने कब समझेगे यह लोग कि अपनी भाषा जानने से कोई 'BACKWARD' नहीं हो जाता !?
जवाब देंहटाएंअगर वस्तुतः हो जाते तो आरक्षण की मांग करना उचित रहेगा, कम से कम सरकारी नौकरी के अवसर तो मिलेंगे.
सुन्दर लेख, लेकिन लोग कब जागेंगे..............
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
सुन्दर लेख ........
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