EVM कभी हैक नहीं हो सकता, ये बात सबसे ज़्यादा बेहतर ख़ुद राजनीतिक पार्टियाँ और ... ये नेता भी जानते हैं। EVM से चुनाव की प्रक्रिया एकदम फ़ुल प्रूफ़ है, इसमें हैकिंग या इन्हें बदले जाने की सम्भावना पूरी तरह से नगण्य है। सबसे पहले चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है मतदान दल को चुनाव सामग्री के
अलॉट्मेंट से, चुनाव सामग्री यानि EVM उसकी कंट्रोल यूनिट और अन्य रेजिस्टर
एवं चेक लिस्ट... हर EVM की एक यूनीक आईडी होती है, जो EVM में इलेक्ट्रानिक्ली और मतदान दल को मैन्यूअली बताई जाती है।
मतदान वाले दिन सुबह मतदान शुरू होने के 75 मिनिट पहले एक मॉक पोल कंडक्ट कराना ज़रूरी होता है,
और उस मॉक पोल में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि की उपस्थिति भी ज़रूरी
होती है, ख़ुद राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के सामने मॉक पोल में
हर उम्मीदवार को बराबर बराबर संख्या में वोट दिए जाते हैं, जिनकी
गिनती उन्हें उनके सामने मशीन से करके दिखाई जाती है। फिर मशीन का डेटा
क्लीयर करके उसे 0 पर सेट किया जाता है, जिसके बाद मशीन को सील कर दिया
जाता है, जिस स्ट्रिप से मशीन को सील किया जाता है ... उसके ऊपर
राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता या प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर अनिवार्य
रूप से लिए जाते हैं, जिन्हें वो काउंटिंग के समय वो मैच करा सकते हैं।
इस बीच अगर मशीन को खोला जाए तो वो स्ट्रिप फट जाएगी, उस स्ट्रिप को इस
तरह से चिपकाया जाता है कि उसे खोलना सम्भव ही नहीं है। चिपकाने के बाद उस
पर लाख से चपरा लगाकर पेक किया जाता है।
अब तो VVPAT भी आ गया है, आप ख़ुद चेक कर सकते हैं कि आपने किसको वोट दिया, और आपका वोट उसी को गया या नहीं ...चुनाव आयोग ने रैंडम्ली हर विधानसभा से 5 बूथों की VVPAT की गिनती का
प्रावधान रखा है, धाँधली तो ख़ैर हो ही नहीं सकती लेकिन क्रॉस चेकिंग एकदम
प्रॉपर हो जाएगी इससे।
चुनाव सम्पन्न होने के बाद EVM को स्ट्रोंग
रूम में रखा जाता है जिसके बाहर पुलिस के अलावा सशस्त्र बलों की निगरानी
होती है, वहाँ पूरे समय CCTV कैमरा रिकॉर्डिंग होती है और ख़ुद राजनीतिक
दलों के प्रतिनिधियों को भी उस पर निगरानी रखने की पर्मिशन होती है।
एहतियातन प्रशासन ने अधिकांश जवानों पर स्ट्रॉंग रूम को सिर्फ़ गेट या
दरवाज़े से बंद नहीं किया, बल्कि एक पूरी काँक्रीट की दीवार खड़ी करवा दी
है जिसे उसी दिन सुबह तोड़ कर खोला जाएगा।अब ऐसे में ये जो भी लोग
EVM की हैकिंग या उसे बदले जाने का हल्ला मचा रहे हैं उन्हें उनकी हार
निश्चित दिख रही है, इन पर अफ़वाह फैलाने और देश में जान बूझकर अराजकता
फैलाने के आरोप में क़ानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
याद रखिए, ये पूरी चुनावी प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें देश भर में कम से कम
पचास लाख या उससे भी ज़्यादा सरकारी कर्मचारी दिन रात लगातार कई दिनों तक
एकदम ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते हैं,
कितने लोग कितने दिन तक
खाना नहीं खाते, सिर्फ़ चाय समोसे पर बिना नहाए धोए अनवरत काम करते हैं तब
जाकर ये चुनाव सम्पन्न होते हैं, और ये नेता अपनी हार की बेज्जती से बचने
के लिए सबको बेईमान बता देते हैं।
EVM से होने वाले चुनाव इस देश 135 करोड़ लोगों और इस देश के लोकतंत्र की सफलता हैं, हमें इस प्रक्रिया पर गर्व होना चाहिए|
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विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र के नागरिक के तौर मुझे गर्व है अपने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर और पूर्ण विश्वास है अपने संवैधानिक संस्थानों पर और उनकी कार्यप्रणाली पर | ऐसे में जब मात्र सत्ता लोभ में बिना किसी ठोस प्रमाण के राजनीतिक दलों को इन पर प्रश्न उठाते देखता हूँ तो कष्ट होता है | राजनीति कीजिए पर ऐसी राजनीति न कीजिए जो देशहित में न हो |
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जागो सोने वालों ...