यह आश्चर्यजनक है और चिंताजनक भी कि सुख-संपन्नता के सबसे बड़े पर्व को कुछ लोगों ने अपने लालच को पूरा करने के कारोबार में तब्दील कर दिया है। यह शर्मनाक है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में नकली एवं दूषित दूध, खोये, मिठाई आदि का कारोबार बेरोकटोक ढंग से होता हुआ नजर आ रहा है। यह कारोबार कितने बड़े पैमाने पर हो रहा है, इसका पता इससे चलता है कि विभिन्न शहरों में मारे गए छापों के दौरान 80 हजार लीटर नकली तेल एवं वनस्पति घी, तीन हजार किलो देसी घी, 15 सौ किलो नकली खोया और बड़ी मात्रा में नकली दूध की बरामदगी की गई। इस बरामदगी से तो ऐसा लगता है कि यदि और अधिक छापे मारे जाते तो और ज्यादा नकली खोया, घी, दूध आदि बरामद होता। ध्यान रहे कि मिलावटखोरों के खिलाफ देर से कार्रवाई शुरू की गई और इसका एक प्रमाण स्वयं मुख्यमंत्री मायावती की ओर से किया गया यह सवाल है कि खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी अब तक क्या कर रहे थे?
मुख्यमंत्री की इसके लिए सराहना की जानी चाहिए कि उन्होंने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती बरतने और यहां तक कि उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए। ऐसे आदेशों के बाद यह आवश्यक हो जाता है कि मिलावटखोरों के खिलाफ जारी अभियान और अधिक गति पकड़े। वैसे भी यह लगभग तय है कि दीवाली के बाद भी मिलावटखोर अपनी हरकतों से बाज आने वाले नहीं हैं। निस्संदेह उनका दुस्साहस इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि खाद्य एवं औषधि नियंत्रण सरीखे विभाग अपना कार्य सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। होना तो यह चाहिए कि इस विभाग एवं पुलिस को ऐसा माहौल बना देना चाहिए कि मिलावटखोर हानिकारक खाद्य पदार्र्थो का निर्माण एवं बिक्री करने में भय खाएं। पता नहीं ऐसा होगा या नहीं, लेकिन यह सवाल तो उठना ही चाहिए कि आखिर खाद्य पदार्र्थो में जहरीली वस्तुएं मिलाने में भी संकोच क्यों नहीं किया जा रहा? क्या इससे अधिक घृणित कार्य और कोई हो सकता है? यह तो धनलिप्सा की पराकाष्ठा है। बेहतर हो कि जो लोग भी ऐसा हीन कार्य कर रहे हैं उन्हें सार्वजनिक रूप से भी धिक्कारा जाए।
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अरे भाई, दिवाली हो, होली हो या ईद हो जब तक यह मिलावटखोर अपना माल नहीं बेचेगे तब तक इन लोगो का, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग वालो का, पुलिस वालो का और इन के बाकी मौसेरे भाइयो का घर खर्च कैसे चलेगा ?? तो थोडा बहुत आप भी सहयोग करे और खूब ख़रीदे मिलावटी दूध, खोये, मिठाई आदि !!
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इन जैसे लोगो को जितनी भी सजा दी जाये कम है बस जरूरत है इन लोगो पर पूरी इमानदारी से करवाई करने की ! अब जब मुख्यमंत्री खुद इन लोगो पर करवाई की बात कह रही है तो उम्मीद भी यही की जा रही है कि करवाई होगी और जल्द होगी !!
हम तो बस यही कहेगे कि .....जागो सोने वालो ......
बहुत घिनौना कार्य है नकली खाद्य पदार्थ बेचना।
जवाब देंहटाएंलक्ष्मीपूजन तो कल हो चुका, चलिए आज दीपावली मनाएँ।
शॉर्ट..लेकिन शॉल्डि गुरू..व्यंग
जवाब देंहटाएंअरे भाई, दिवाली हो, होली हो या ईद हो जब तक यह मिलावटखोर अपना माल नहीं बेचेगे तब तक इन लोगो का, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग वालो का, पुलिस वालो का और इन के बाकी मौसेरे भाइयो का घर खर्च कैसे चलेगा ?? तो थोडा बहुत आप भी सहयोग करे और खूब ख़रीदे मिलावटी दूध, खोये, मिठाई आदि !!
अत्यंत घटिया गैर जिम्मेदारी काम
जवाब देंहटाएंऐसे लोग समाज के नाम पर कलंक हैं .......... इनको पकड़ कर कड़ी सज़ा देनी चाहिए ..........
जवाब देंहटाएंऐसे लोगों के अन्दर से इनसानियत मर चुकी है
जवाब देंहटाएंबहुत घटिया कार्य!
जवाब देंहटाएंइंसानियत, ज़मीर ये सब अब तो महज लफ़्ज़ बन के रह गये हैं। बस अपना स्वार्थ दिखता है इनको। क्या सजाये-मौत से कम के हक़दार हैं ये???
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