और क्या हाल है ...........सब मस्त .............अरे..... वह गिफ्ट पसंद आया है नहीं ??
क्या कहा .................कौन सा गिफ्ट !!??
अरे वही जो आज मिला है ................
नहीं समझे ...........
हद करते हो आप भी ...............
आज कौन सा दिन है ........??
नहीं याद ..............कोई बात नहीं ............मैं हूँ ना ............अभी बताता हूँ !
आज से ठीक ३५ साल पहले तब की 'सरकार' ने देश भर में इमरजेंसी लगाई थी और आज के दिन अब की 'सरकार' ने उस इमरजेंसी की वर्षगाँठ पर जनता के बजट पर इमरजेंसी लगाई है या यह कहे कि जनता को एक 'महँगा' गिफ्ट दिया है |
तो क्या मैं गलत पूछ रहा हूँ कि गिफ्ट पसंद आया या नहीं !! नहीं ना |
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यह तो शायद सरकार भी नहीं जानती कि वह कर क्या रही है और हो क्या रहा है ?
"कांग्रेस का हाथ जनता के साथ" या यह कहे कि यह हाथ जनता के गाल पर पड़ता है हर बार |
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जागो सोने वालों................
क्या कहा .................कौन सा गिफ्ट !!??
अरे वही जो आज मिला है ................
नहीं समझे ...........
हद करते हो आप भी ...............
आज कौन सा दिन है ........??
नहीं याद ..............कोई बात नहीं ............मैं हूँ ना ............अभी बताता हूँ !
आज से ठीक ३५ साल पहले तब की 'सरकार' ने देश भर में इमरजेंसी लगाई थी और आज के दिन अब की 'सरकार' ने उस इमरजेंसी की वर्षगाँठ पर जनता के बजट पर इमरजेंसी लगाई है या यह कहे कि जनता को एक 'महँगा' गिफ्ट दिया है |
तो क्या मैं गलत पूछ रहा हूँ कि गिफ्ट पसंद आया या नहीं !! नहीं ना |
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यह तो शायद सरकार भी नहीं जानती कि वह कर क्या रही है और हो क्या रहा है ?
"कांग्रेस का हाथ जनता के साथ" या यह कहे कि यह हाथ जनता के गाल पर पड़ता है हर बार |
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जागो सोने वालों................
आपने बिलकुल सही कहा...जनता ने कांगेस पर विश्वास कर...उसे बहुमत में ला ..सरकार बनाने का मौका दिया और उसी ने जनता के साथ विश्वासघात कर...धोखा दे...उसे छला है...
जवाब देंहटाएंबहुत सही लिखा आपने . गिफ़्ट तो सही दिन पर दिया .
जवाब देंहटाएंवाह!! बढिया तमाचा है ये तो. अब सचमुच " आसमान को छूना" मुहावरा बढती मंहगाई ने सिद्ध कर दिया है.
जवाब देंहटाएंजनता के भाग्य में है बस अपना गाल सहलाते रहना ... सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओ के लिए धन्यवाद !
अच्छा आइना दिखाया आपने...लाजवाब.
जवाब देंहटाएं***************************
'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !
कांग्रेस का हाथ जनता के साथ" या यह कहे कि यह हाथ जनता के गाल पर पड़ता है हर बार |
जवाब देंहटाएंसही कहा है।
गाल पर तो शायद बहुत से भारतीयों को चल जाता। स्कूल के दिनों से ही गाल को हाथ का अभ्यास होता है किन्तु जेब और हाथ का रिश्ता किसी को नहीं सुहाता।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
बिलकुल सही कहा !!
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल सही कहा...जनता ने कांगेस पर विश्वास कर...उसे बहुमत में ला ..सरकार बनाने का मौका दिया और उसी ने जनता के साथ विश्वासघात कर...धोखा दे...उसे छला है...
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