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शनिवार, 26 जून 2010

भाई साहब गिफ्ट पसंद आया ?

और क्या हाल है ...........सब मस्त .............अरे..... वह गिफ्ट पसंद आया है नहीं ??


क्या कहा .................कौन सा गिफ्ट !!??

अरे वही जो आज मिला है ................

नहीं समझे ...........

हद करते हो आप भी ...............

आज कौन सा दिन है ........??

नहीं याद ..............कोई बात नहीं ............मैं हूँ ना ............अभी बताता हूँ !

आज से ठीक ३५ साल पहले तब की 'सरकार' ने देश भर में इमरजेंसी लगाई थी और आज के दिन अब की 'सरकार' ने उस इमरजेंसी की वर्षगाँठ पर जनता के बजट पर इमरजेंसी लगाई है या यह कहे कि जनता को एक 'महँगा' गिफ्ट दिया है |

तो क्या मैं गलत पूछ रहा हूँ कि गिफ्ट पसंद आया या नहीं !! नहीं ना |
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यह तो शायद सरकार भी नहीं जानती कि वह कर क्या रही है और हो क्या रहा है ?

"कांग्रेस का हाथ जनता के साथ" या यह कहे कि यह हाथ जनता के गाल पर पड़ता है हर बार |

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जागो सोने वालों................

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपने बिलकुल सही कहा...जनता ने कांगेस पर विश्वास कर...उसे बहुमत में ला ..सरकार बनाने का मौका दिया और उसी ने जनता के साथ विश्वासघात कर...धोखा दे...उसे छला है...

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  2. बहुत सही लिखा आपने . गिफ़्ट तो सही दिन पर दिया .

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  3. वाह!! बढिया तमाचा है ये तो. अब सचमुच " आसमान को छूना" मुहावरा बढती मंहगाई ने सिद्ध कर दिया है.

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  4. जनता के भाग्य में है बस अपना गाल सहलाते रहना ... सुन्दर प्रस्तुति !
    शुभकामनाओ के लिए धन्यवाद !

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  5. अच्छा आइना दिखाया आपने...लाजवाब.


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    'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !

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  6. कांग्रेस का हाथ जनता के साथ" या यह कहे कि यह हाथ जनता के गाल पर पड़ता है हर बार |

    सही कहा है।

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  7. गाल पर तो शायद बहुत से भारतीयों को चल जाता। स्कूल के दिनों से ही गाल को हाथ का अभ्यास होता है किन्तु जेब और हाथ का रिश्ता किसी को नहीं सुहाता।
    घुघूती बासूती

    जवाब देंहटाएं
  8. आपने बिलकुल सही कहा...जनता ने कांगेस पर विश्वास कर...उसे बहुमत में ला ..सरकार बनाने का मौका दिया और उसी ने जनता के साथ विश्वासघात कर...धोखा दे...उसे छला है...

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