पिछले कुछ दिनों से एक विकृति संज्ञान में आई है, कुछ लोग भारत माता की जय, जय हिन्द, वंदे मातरम्, इंकलाब ज़िंदाबाद आदि नारों का उपयोग तानों या तंजों की तर्ज़ पर बेहिचक करने लगे हैं।
आप का यदि किसी से राजनितिक विचारधारा या वैचारिक आधार पर मतभेद है तो उस
मतभेद के चलते क्या आप इन नारों का और इन से जुड़ी भावनाओं का मखौल उड़ाएंगे
!? क्या यह आप को शोभा देता है!? क्या आप को नहीं लगता कि एक प्रकार से आप
अपने देश का ही मज़ाक उड़ा रहे हैं!?
ऐसा तो संभव ही नहीं है कि एक भारतीय के तौर पर आप को इन नारों के इतिहास का ज्ञान न हो ... या भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम मे इन नारों के योगदान के बारे मे आप न जानते हों ... और यदि ऐसा है कि आप सच मे इन नारों के योगदान के बारे मे अनजान हैं तो माफ़ कीजिएगा ... यह बड़े शर्म की बात है !!
देश और उस से जुड़ा देशप्रेम किसी
भी राजनितिक मतभेद से बड़ा था, है , और रहेगा। कृपया अपनी कुंठाओं के चलते
इस के सम्मान का हनन न करें।
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दिल की बात लबों पर लाना मुश्किल है;
सब को सच्ची राह दिखाना मुश्किल है;
सूरज दुनिया को उजियारा देता है मगर;
चमगादड़ को ये समझाना मुश्किल है।
सब को सच्ची राह दिखाना मुश्किल है;
सूरज दुनिया को उजियारा देता है मगर;
चमगादड़ को ये समझाना मुश्किल है।
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जागो सोने वालों ...
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " हिंदी भाषी होने पर अभिमान कीजिये " , मे इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... पढ़ें जरूर !
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंसूरज दुनिया को उजियारा देता है मगर
चमगादड को यह समझाना मुश्किल है।