इंक़लाब जिंदाबाद !!!
बहरो को सुनाने के लिए धमाको की जरुरत हमेशा पड़ी है ... एक तब हुआ था ... ताकि 'वो बिल' पास न होने पाए ... एक आज हुआ है ताकि 'यह बिल' पास हो जाए ...
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इंक़लाब जिंदाबाद !!!
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जागो सोने वालों ...
इंक़लाब ज़िन्दाबाद!!!!
जवाब देंहटाएंजो भी हो मर्यादा न छोड़ी जाए.
जवाब देंहटाएंहमें अपने संस्कार और मर्यादा का ख्याल रखना होगा !
जवाब देंहटाएंइंक़लाब ज़िन्दाबाद!!!!
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