फ़ॉलोअर

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

क्या भारत में केवल नेता की जान कीमती है ??

रिहाई के लिए

मल्कानगिरी के अपहृत डीएम आरवी कृष्णा व इंजीनियर पबित्र मांझी की रिहाई के लिए रविवार, 20 फरवरी को प्रदर्शन करते स्थानीय निवासी।

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
कम से कम जनता तो इनके साथ है ... बाकी किसी को इन की फ़िक्र है ऐसा लगता तो नहीं ... बातें बहुत हो रही है ... नतीजा कुछ भी नहीं ... अभी तक एक छोटा सा सुराग तक तो मिला नहीं है ... इंतज़ार हो रहा है ... डैड लाइन आगे बड़ जाए ... कहीं ऐसा न हो ... डैड लाइन के चक्कर में इन बेचारों की लाइफ लाइन डैड न हो जाए !

क्या इन अधिकारियो की जगह कोई नेता होता या ... नेता का पालतू कुत्ता होता ... तो भी इतना समय लिया जाता उचित कारवाही के लिए ??

क्यों इतना समय लिया जा रहा है इन लोगो की रिहाई में ... क्या इन लोगो की जान की कोई कीमत नहीं है सरकार की निगाह में !? 

अगर यही रवैया रहा तो कौन शामिल होना चाहेगा IAS और PCS में ??

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

जागो सोने वालों ...

12 टिप्‍पणियां:

  1. नेता का पालतू कुत्ता होता ... तो भी इतना समय लिया जाता उचित कारवाही के लिए ??

    बड़ा प्रश्न है, इसका जवाब नेताओं को देना होगा।

    जवाब देंहटाएं
  2. ऐसी स्थितियाँ बहुत बड़ी धर्मसंकट की होती हैं.... ऐसे मे कोई निर्णय लेना दोधारी तलवार पर चलने जैसा होता है। एक तरफ जहां अपराधी माओ वादियों को छोडने की बात है वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की जान बचाने की बात। ऐसे मे कोई बीच का रास्ता खोजना ही उचित होता है, लेकिन ऐसी स्थितियाँ न आयें इसके लिए ईमानदारी से प्रयास आवश्यक है।

    जवाब देंहटाएं
  3. ता का पालतू कुत्ता होता ... तो भी इतना समय लिया जाता उचित कारवाही के लिए ?? accha swal daga hai aapne

    जवाब देंहटाएं
  4. all animals are equal, some are more equal than others... और ये बेचारा तो आदमी है नेता या कोई ऐनिमल नहीं!! इसे तो आदमी होने की सज़ा भुगतनी ही पड़ेगी!!

    जवाब देंहटाएं
  5. durbhagy hamara ki itni shiksha prapt kar IAS bana
    agar bina padhe neta ban jata to puri sarkar jut jati is kam nen ....

    जवाब देंहटाएं
  6. आखिर में दो सवाल दागे आपने। जवाब पूरा देश जानता है, पर कहता कोई नहीं। अच्‍छी पोस्‍ट।

    जवाब देंहटाएं
  7. सचमुच बहुत बुरी दशा है शिवम भाई। पता नहीं कहां जा रहा है हमार सिस्‍टम।

    ---------
    ब्‍लॉगवाणी: ब्‍लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।

    जवाब देंहटाएं
  8. आपकी chinta vaajib है ...
    ये agar कोई neta होता तो poora media और sarkaar harkat में आ gayi hoti ....

    जवाब देंहटाएं
  9. ..इसीलिए नेता , नेता हैं और हर पाँच साल बाद हाजिरी बजाते हैं. अधिकारी, अधिकारी हैं क्योंकि उन्हें ही वाकई देश की समस्याओं से सरोकार है. आपकी चिंता जायज है. कभी 'शब्द सृजन की ओर' भी आयें.

    जवाब देंहटाएं
  10. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    जवाब देंहटाएं
  11. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियों की मुझे प्रतीक्षा रहती है,आप अपना अमूल्य समय मेरे लिए निकालते हैं। इसके लिए कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।