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बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

रिश्वत मांगे अधिकारी तो एक फोन लगाएं


रिश्वत नहीं देने के कारण यदि आपकी फाइल लंबे समय से किसी सरकारी दफ्तर में अटकी है या किसी काम के लिए सरकारी बाबू आपसे 'चढ़ावा' मांग रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब सिर्फ एक फोन नंबर लगाते ही आपकी सारी परेशानी दूर हो सकती है। दरअसल, सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार रोकने की अपनी कवायद को धारदार बनाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग [सीवीसी] ने एक रिश्वत रोधी हेल्पलाइन शुरू की है।

सरकारी बाबू द्वारा सताए गए लोगों को टोल फ्री नंबर 1800-11-0180 और 011-24651000 पर अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी। सीवीसी के एक अधिकारी के मुताबिक यह सेवा उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो किसी सरकारी विभाग के कर्मचारियों की रिश्वत की मांग के कारण अपने काम में अनावश्यक देरी से संबंधित समस्या का सामना कर रहे हैं। अधिकारी ने इस नई सेवा के बारे में कहा, 'कोई शिकायतकर्ता हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकता है और उसके साथ हुए अन्याय या उत्पीड़न की शिकायत कर सकता है। वह संबंधित विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी [सीवीओ] से भी सीधे संपर्क कर सकता है। सीवीओ फोन करने वाले व्यक्ति से सभी जानकारी लेंगे और पता लगाएंगे कि उसकी समस्या जायज है या नहीं। मामले के अनुसार जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि इस हेल्पलाइन का प्रारंभिक मकसद भ्रष्टाचार पर रोकथाम के अलावा बिना बाधा के लोगों का काम पूरा कराना है। उन्होंने बताया कि लोग केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभागों और सार्वजनिक उपक्रम में रिश्वतखोरी व अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतें इस हेल्पलाइन में दर्ज करा सकते हैं। यह हेल्पलाइन सोमवार से शुक्रवार तक सुबह दस बजे से शाम सात बजे के बीच संचालित होगी।

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अब सब सुधर जाओ ....लेने वालो भी और देने वालो भी ......मालूम है इस हेल्पलाइन को पूरी तरह से लागू होने में थोडा समय लगेगा पर मान लो एक बार यह सही तरह से चल पड़ी तो फिर आप लोगो का क्या होगा ?? सिर्फ़ एक फोन और काम चालू ....सोचो.....सोचो ......अपने को तो बहुत मज़ा आ रहा है !!!

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जागो सोने वालो ...

9 टिप्‍पणियां:

  1. रिश्वत मांगे अधिकारी तो एक फोन लगाएं

    .......बहुत खूब, लाजबाब !

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  2. बहुत अच्‍छी शुरुआत। शायद इससे कुछ लगाम लगे।

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  3. अरे बहुत बहुत धन्यवाद...अगर मौका मिला तो जरूर फोन लगाऊंगा....फायदा होगा या नहीं ??? क्या आपने try किया है ?????

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  4. पता नहीं ये कितना असरदायक होता है लेकिन अगर ये प्लान सफल हो जाये तो बहुत अच्छा रहेगा...नॉएडा में मेरा एक दोस्त है, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक काम के चक्कर में पिछले आठ महीने से लगा हुआ है....पैसे भी दिए बहुत जगह लेकिन काम नहीं बन पा रहा....उन सब जैसे लोगों की शायद मदद हो कुछ...

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  5. Ye sahi jaankari di apne yahaan bulakar..ab mera passport aane se koi nahi rok sakta..yippieee... thnk u :)

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  6. मैंने लेख तो अभी नहीं पूरा पढ़ा - पर
    पूरे परिवार को मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनायें इस पावन पर्व की !

    धन्यवाद !

    राम त्यागी

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  7. बड़े काम का नम्बर दे दिया...भाई!

    धन्यवाद स्वीकारें...!
    ..........................
    मुझे ख़ुशी हुई कि आप मैनपुरी से हैं। मैं भी मूलतः उधर ही से हूँ...अभी जून में तो मैं आया ही था वहाँ। ‘कन्नौज’ मेरी जन्मभूमि है...जुड़े रहना भाई...अच्छा लगेगा मुझे!

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