एक जमाना था जब 'मिशन नेताजी' से जुड़े श्री अनुज धर जी और मेरे जैसे उनके सभी साथी अक्सर बड़ी बेबसी से गुनगुनाया करते थे ... "कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले" !!
यह वो दौर था जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमशुदगी से जुड़ी कोई भी ख़बर कहीं भी पढ़ने या देखने को नहीं मिलती थी ... और अगर हम कुछ चुनिन्दा लोगो को छोड़ दें तो किसी को इस बात की कोई परवाह भी नहीं थी कि भारत की आज़ादी के इस महानायक के साथ आखिर हुआ क्या था और उस के लिए कौन जिम्मेदार था ... नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करवाने की मांग तो भला करता ही कौन !?
पिछले दिनों जब नेताजी से जुड़ी २ फाइलें सार्वजनिक की गई तो जैसे हड़कंप सा आ गया जबकि उन फाइलों मे केवल इतना ही छिपा था कि दो दशकों से ज्यादा समय तक नेताजी के परिवार और उनके परिजनों पर गुप्तचर एजेंसियाँ द्वारा जासूसी कारवाई गई और ऐसा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर किया गया |
जो लोग इस मुद्दे से जुड़े हुये है वो जानते है कि यह जानकारी केवल 'हाथी की पुंछ' का बाल भर है पूरा हाथी तो अभी सामने आया भी नहीं| ऐसी लगभग ६५ फाइलें है जिन मे इस साजिश का पूरा कच्चा चिठ्ठा लिखा रखा है | ज़रा सोचिए अगर केवल २ फाइलों के सार्वजनिक होने पर भारतीय आज़ादी के इतिहास की छवि बदलती दिख रही है तो सारी फाइलों के सार्वजनिक होने पर क्या होगा !?
RTI के माध्यम से और बाकी सूत्रों से काफी जांच पड़ताल के बाद अनुज धर जी ने इस जटिल गुत्थी को सुलझाने में एक दशक से ज़्यादा समय लगा दिया कि आखिर नेताजी बोस के साथ हुआ क्या !?
'नेताजी रहस्य गाथा' एक विस्तृत खोज है भारतीय राजनीती के सबसे लंबे समय तक चलने वाले विवाद की। दशको से भारतवासी जानना चाहते हैं कि आखिर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को क्या हुआ। क्या नेताजी एक विमान दुर्घटना में मारे गऐ थे, या रूस में उनका अंत हुआ या फिर सन् 1985 तक वह, गुपचुप गुमनामी बाबा बनकर उत्तर प्रदेश रहे।
'नेताजी रहस्य गाथा' उनकी अंग्रेजी पुस्तक India's Biggest Cover-up का हिंदी अनुवाद है। यह उन रहस्यमयी कड़ियों को जोड़ती है जो अब तक अनसुलझी रही थी।
यह वो दौर था जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमशुदगी से जुड़ी कोई भी ख़बर कहीं भी पढ़ने या देखने को नहीं मिलती थी ... और अगर हम कुछ चुनिन्दा लोगो को छोड़ दें तो किसी को इस बात की कोई परवाह भी नहीं थी कि भारत की आज़ादी के इस महानायक के साथ आखिर हुआ क्या था और उस के लिए कौन जिम्मेदार था ... नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करवाने की मांग तो भला करता ही कौन !?
पिछले दिनों जब नेताजी से जुड़ी २ फाइलें सार्वजनिक की गई तो जैसे हड़कंप सा आ गया जबकि उन फाइलों मे केवल इतना ही छिपा था कि दो दशकों से ज्यादा समय तक नेताजी के परिवार और उनके परिजनों पर गुप्तचर एजेंसियाँ द्वारा जासूसी कारवाई गई और ऐसा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर किया गया |
जो लोग इस मुद्दे से जुड़े हुये है वो जानते है कि यह जानकारी केवल 'हाथी की पुंछ' का बाल भर है पूरा हाथी तो अभी सामने आया भी नहीं| ऐसी लगभग ६५ फाइलें है जिन मे इस साजिश का पूरा कच्चा चिठ्ठा लिखा रखा है | ज़रा सोचिए अगर केवल २ फाइलों के सार्वजनिक होने पर भारतीय आज़ादी के इतिहास की छवि बदलती दिख रही है तो सारी फाइलों के सार्वजनिक होने पर क्या होगा !?
RTI के माध्यम से और बाकी सूत्रों से काफी जांच पड़ताल के बाद अनुज धर जी ने इस जटिल गुत्थी को सुलझाने में एक दशक से ज़्यादा समय लगा दिया कि आखिर नेताजी बोस के साथ हुआ क्या !?
'नेताजी रहस्य गाथा' एक विस्तृत खोज है भारतीय राजनीती के सबसे लंबे समय तक चलने वाले विवाद की। दशको से भारतवासी जानना चाहते हैं कि आखिर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को क्या हुआ। क्या नेताजी एक विमान दुर्घटना में मारे गऐ थे, या रूस में उनका अंत हुआ या फिर सन् 1985 तक वह, गुपचुप गुमनामी बाबा बनकर उत्तर प्रदेश रहे।
'नेताजी रहस्य गाथा' उनकी अंग्रेजी पुस्तक India's Biggest Cover-up का हिंदी अनुवाद है। यह उन रहस्यमयी कड़ियों को जोड़ती है जो अब तक अनसुलझी रही थी।
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यह पुस्तक नेताजी की कथित मृत्यु को लेकर अपनाए गए भारत सरकार
के षड्यंत्रकारी रवैये की पोल खोलती है। पुस्तक में देश-विदेश से तमाम
दुर्लभ जानकारियाँ प्राप्त की गयी हैं, जिसमें कई गोपनीय दस्तावेज़ भी शामिल
हैं। नेताजी से जुड़े रहस्य को जानने और नेहरू से मोदी युग तक के राजनैतिक
पहलू को समझने के लिए इस पुस्तक का कोई सानी नहीं है। जो भी इस मुद्दे के
बारे मे जानकारी लेने के इच्छुक है उनको यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए |
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जागो सोने वालों ...
ये किताब जल्दी ही पढूंगा - :)
जवाब देंहटाएंजरूर पढ़ें तुषार भाई |
हटाएंI must read with in week
जवाब देंहटाएंMust read with in week
जवाब देंहटाएंकल और आज (22-23 अगस्त 2018) तक में अनुज भाई के साथ रहा। उनसे नेताजी के विषय में विस्तृत चर्चा हुई। बहुत सी जानकारियां मिली कि कैसे उनके अपने देश के लोगों ने उन्हें ब्रिटिश राज से मिलकर उन्हें धोखा दिया। यहां तक कि वो अपनी पहचान तक जगजाहिर न कर सके। एक तरफ उन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया और दूसरी तरफ सत्ता में बैठे लोग देश को लुटते रहे और ब्रटिश राज के दलाल और मुखबिर बने रहे।
जवाब देंहटाएंTrue
हटाएंमुझे तो लगता है वो आज भी जिंदा हैं मृत्यु के तीन ??? तीन मृत्यों को दर्शाते हैं पहली विमान में दूसरी रूस में तीसरी गुमनामी बाबा के रूप में । अगर रविदास जी की पोथी कि भविष्यवाणी से देखें तो जब देश आजाद होइ जइहैं, वो शक्ति जाकर छुप जइहैं. धरे वेश साधु का न्यारा, गुरु नाम का करै प्रचारा.
हटाएंबल्कल का वस्त्र पहिनइहैं, साधन भजन सबसे करवइहैं. ऐसा मन्दिर एक बनवइहैं, जो भूमण्डल पर कहीं न दिखइहैं.भारत में अवतारी होगा जो अति विस्मयकारी होगा ज्ञानी और विज्ञानी होगा वो अदभुत सेनानी होगा
जीते जी कई बार मरेगा छदम वेश में जो विचरेगा देश बचाने के लिए होगा आह्वान युग परिवर्तन के लिए चले प्रबल तूफ़ान
तीनों ओर से होगा हमला देश के अंदर द्रोही घपला सभी तरफ़ कोहराम मचेगा कैसे हिंदुस्तान बचेगा
नेता मंत्री और अधिकारी जान बचाना होगा भारी छोड़ मैदान सब भागेंगे सब अपने अपने घर दुबकेंगे
जिन जिन भारत मात सताई जिसने उसकी करी लुटाई ढूंढ-ढूंढ कर बदला लेगा सब हिसाब चुकता कर देगा।