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गुरुवार, 3 नवंबर 2011

भारत का असली भविष्य कौन ???

भारत का असली भविष्य कौन ???
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लगता यह बच्चा राहुल गांधी से यही कह रहा है कि ...
' मेरे बाबा कहते है ... आप हमारे देश के अगले राजा हो ... ऐसा क्या ख़ास है आप में ... जो मेरे में नहीं है ... ??? '
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जागो सोने वालों ... 

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

इंक़लाब जिंदाबाद !!!

बहरो को सुनाने के लिए धमाको की जरुरत हमेशा पड़ी है ... एक तब हुआ था ... ताकि 'वो बिल' पास न होने पाए ... एक आज हुआ है ताकि 'यह बिल' पास हो जाए ...
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इंक़लाब जिंदाबाद !!!
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जागो सोने वालों ...

मंगलवार, 16 अगस्त 2011

हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़


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आज हर सच्चे हिन्दुस्तानी के दिल की यही आवाज़ है ...

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जागो सोने वालों ...

बुधवार, 27 जुलाई 2011

कुछ घाव कभी नहीं भरते ...

कुछ लोग यह भूल जाते है कि चाहे कितना भी समय गुज़र जाए ... कुछ घाव कभी भी नहीं भरते ...



शहीदों को सलाम

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार 26 जुलाई को इस युद्ध के शहीदों को देश भर में याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर रक्षा मंत्री एके एंटनी और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने नई दिल्ली के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

दोस्ती का हाथ

नई दिल्ली, 26 जुलाई मंगलवार को हैदराबाद हाउस में भारत-पाक के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पूर्व भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर से हाथ मिलाते हुए।

नमन

कारगिल विजय दिवस पर मंगलवार, 26 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में द्रास स्मारक पर सेना ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
 
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इस 'दोस्त' की दोस्ती हर बार कोई न कोई घाव दे ही जाती है ... फिर भी हर बार एक नयी वार्ता क्यों ???
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जागो सोने वालों ...


रविवार, 10 जुलाई 2011

विश्व का सब से छोटा लतीफा ...

अब तक कहा जाता था कि विश्व का सब से छोटा लतीफा है ... "सरदार जी शतरंज खेल रहे है" ... पर आज के बाद विश्व का सब से छोटा लतीफा होगा ... "राहुल गांधी किसानो के मसीहा है" ... साफ़ साफ़ देखा गया आज किसानो के नाम पर किस तरह कांग्रेस ने अपना उल्लू सीधा किया है ... "किसान महा पंचायत" के नाम पर सिर्फ़ ११ ... जी हाँ सिर्फ़ ११ ... किसान नेताओ को बोलने का मौका दिया गया ...  फिर बोले कांग्रेस के इस देश पर थोपे हुए युवराज, राहुल गांधी , वही रटे रटाये जुमले ... वही बातें ... कोई नयापन नहीं, कोई अपनापन नहीं ... बातें हजारो ... वादे हजारो ... इरादा सिर्फ़ एक ... अपना और अपनी पार्टी का उल्लू सीधा करना ... भोली भली जनता को उल्लू बना कर ...   दूसरी ओर किसान देखते रहे कि किस तरह उन का मसीहा उनकी ही कीमत पर अपनी राजनीती चमका रहा है ... कब तक आखिर कब तक ... गरीब जनता को मुर्ख बनाया जाता रहेगा !!! 

अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव होने है तो आज इन लोगो को किसान के दुःख दर्द याद आया है ... अब तक कहाँ थे यह सब ... गिद्ध से कम नहीं है यह लोग ... यह तभी आते है जब मुसीबत सर पर हो ... इंतज़ार करते है ... कब दम टूटे और इन की दावत हो ... लानत है इन पर ...


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कब तक आखिर कब तक ... सोते रहोगे यारो ... अब बहुत हुआ ... उठो ... जागो ...  

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जागो सोने वालों ...

रविवार, 19 जून 2011

यह क्या हो गया है हम सब को ???

बदलते वक्त के साथ सास-बहू के रिश्ते में भी बदलाव आ गया है। पारंपरिक मान्यता के मुताबिक ससुराल में बहुओं के साथ दु‌र्व्यवहार किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक देश के निचले सामाजिक आर्थिक परिवेश में सास-ससुर के साथ पुत्रवधुओं के दु‌र्व्यवहार करने की बात सामने आई है।
हेल्पएज इंडिया की रिपोर्ट 'एल्डर एब्यूज एंड क्राइम इन इंडिया' के अनुसार देश में वृद्धों के साथ दु‌र्व्यवहार के मामले में पुत्रवधुएं शीर्ष पर हैं। निचले सामाजिक आर्थिक परिवेश में 63.4 प्रतिशत मामलों में पुत्रवधुएं जबकि 44 प्रतिशत मामलों में पुत्र वृद्धों के साथ दु‌र्व्यवहार करते हैं। पुत्रों के दु‌र्व्यवहार के मामले में इस वर्ष वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष यह आकड़ा 53.6 प्रतिशत था।
देश के नौ शहरों में किए गए इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट में निचले सामाजिक आर्थिक परिवेश में वृद्धों के मौखिक दु‌र्व्यवहार को आधार बनाया गया। इसमें बुजुर्गो से तेज आवाज में बात करना, अपशब्द का प्रयोग, नाम से पुकारना और गलत आरोप लगाना शामिल हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार उच्च सामाजिक आर्थिक परिवेश में वृद्धों के साथ दु‌र्व्यवहार अनादर करके किया जाता है। मौखिक दु‌र्व्यवहार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र [एनसीआर], मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई में सबसे अधिक है। शारीरिक दु‌र्व्यवहार पटना में सबसे अधिक [71 प्रतिशत] जबकि अहमदाबाद में सबसे कम है। पुत्रवधुओं का दु‌र्व्यवहार बेंगलूर को छोड़कर सभी जगह सौ प्रतिशत पाया गया।
वृद्धों के प्रति दु‌र्व्यवहार के मामलों में वृद्धि के लिए मुख्य रूप से शहरों में आवास के आकार में कमी, सामाजिक परिवेश और नैतिक मूल्यों में भारी बदलाव और नई पीढ़ी का छोटे परिवार को पंसद करना शामिल है। सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि राष्ट्रीय स्तर पर 70 वर्ष से ज्यादा के वृद्धों के मामलों में दु‌र्व्यवहार सबसे अधिक है। पुत्रों पर निर्भर रहने के कारण वृद्ध महिलाएं सबसे अधिक दु‌र्व्यवहार की शिकार होती हैं।
वृद्धों के दु‌र्व्यवहार के सबसे अधिक 44 प्रतिशत मामले बेंगलूर, उसके बाद हैदराबाद में 38 प्रतिशत है। इसके अलावा भोपाल [30 प्रतिशत], कोलकाता [23 प्रतिशत] जबकि चेन्नई के केवल दो प्रतिशत मामले सामने आए। कुल मिलाकर 72 प्रतिशत बुजुर्ग अपने पुत्रों के साथ रहते हैं। सबसे ज्यादा 86 प्रतिशत वृद्ध मुंबई में अपने बेटे के साथ रहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि चेन्नई में सबसे ज्यादा 22 प्रतिशत बुजुर्ग अपनी बेटियों के साथ रहते हैं। दु‌र्व्यवहार के बावजूद 98 प्रतिशत बुजुर्ग इसकी शिकायत पुलिस में नहीं करते।

(दैनिक जागरण में छपी रिपोर्ट के आधार पर)

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यह क्या होता जा रहा है हमारे समाज को ... सदियों से जिस बात को ले कर भारत का इतना मान था ... आज वही मान्यताएं धूमिल होती जा रही है !! 

बड़े ही दुःख की बात है !! हम सब यह क्यों भूलते जा रहे है कि यह बुजुर्ग ही हमारे परिवार के आधार स्तंभ है ... इनके बिना हमारा अस्तित्व नहीं है ... न ही होता ... यह तो अपनी ही जड़ उखाड़ने जैसा है !!

हम यह क्यों भूल जाते है कि एक दिन हम सब को भी यही दिन देखना पड़ सकता है ... उस दिन क्या बीतेगी हम पर ... कभी सोचा है ... ज़रा सोचिये तब आप पायेंगे ... क्या बीत रही है इन लोगो पर आज ! 

क्या हम सब का इतना नैतिक पतन हो चुका है कि अब हम अपने बुजुर्गो को भी उचित मान सम्मान देना भी भूलते जा रहे है ??

रिपोट कहती है ... पुत्रवधुएँ कर रही है जुल्म ... मेरे हिसाब से सिर्फ पुत्रवधुएँ नहीं पुत्र भी बराबर के दोषी है !!

अब भी समय है ... इस मानसिकता को बदल लिया जाए उस में ही सब की भलाई है  !!
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जागो सोने वालों ... 

रविवार, 5 जून 2011

आज का 'डायर ' कौन है ... ???



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भट्टा पारसोल की राख में मरे हुए लोगो की हड्डियाँ खोजने वाली यह कांग्रेस सरकार ... जिंदा लोगो की हड्डियाँ भी चुन चुन कर तोडती है ... आप ऐसा कतई ना समझे कि सरकार कुछ कर नहीं रही ... काम बहुत है ... पूरे देश को बर्बाद करने और लूटने में समय तो लगता ही है !!!



आज का  'डायर ' कौन है ... ???

हमें जवाब चाहियें ...

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जागो सोने वालों ...

रविवार, 15 मई 2011

इन नीच हरकतों से बाज़ आओ ...

भाई राजनाथ सिंह जी मान गए आपको ... क्या हिम्मत दिखाई है आपने ... जिस कमांडो को देख देश के दुश्मनों को अपनी मौत का ख्याल आ जाता है उसको आपने एक थप्पड़ लगा दिया ... ऊपर से आप साफ़ झूट बोल गए कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है ... शर्म कीजिये ... जो उस कमांडो को अपने फ़र्ज़ और ड्यूटी का ख्याल ना होता ... तो अपनी MP5 खाली करने में उसको सिर्फ़ चंद सेकंड लगते ... आगे से याद रहे ... जिन से आपने बदसलूकी की है ... उनका शुमार दुनियां की चंद गिनी चुनी सर्वश्रेष्ठ सेन्य टुकड़ियो में किया जाता है ... यह उस कमांडो की ट्रेनिंग का ही असर था जो वह इस अपमान के ज़हर को पी गया नहीं तो ... एक ब्लैक कैट कमांडो अपने ऊपर हुए वार का जवाब कैसे देता है यह किसी से छुपा नहीं है !!

हमारे देश के नेता भले ही देश के संविधान का ख्याल ना रखते हो ... गनीमत है हमारी सेना को अपने देश के संविधान में पूरा विश्वास है !

हमारी सेना को मालुम है हमारा संविधान लोकतान्त्रिक प्रणाली पर देश को चलता है ... इस लिए आप और आप जैसे और भी लोग आज बेताज होते हुए भी किसी बादशाह से कम नहीं है !! पर किसी बादशाह को भी यह अधिकार नहीं है बेवजह किसी को भी कोई सजा दे दे ! 

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ऐसा नहीं है कि ऐसी घटना पहली बार हुयी हो पर सवाल यह है कि ऐसी घटनाएँ होती क्यों है ... यह नेता आखिर समझते क्या है खुद को ??? 

क्या अधिकार है इन लोगो को किसी भी राज्य या केंद्रीय कर्मचारी पर हाथ उठाने का ... और वो भी तब जब वो 'ऑन ड्यूटी ' हो ?? 

किस बात की लाट साहबी है  ... कुछ दे कर भूल गए हो क्या ... अपनी हद में रहो तो ही भलाई है !!

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देश के सभी नेताओ से अपील है कि अपने देश की सेना का सम्मान करें जैसे वो लोग आपका करते है !!

 ( भले ही आप लोग उसके काबिल हो या न हो ... )
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जागो सोने वालों ...

मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

कांग्रेस वालों अपनी हद में रहो ...

अपनी आदत अनुसार टी वी पर समाचार देख रहा था की एक समाचार ने एक बार फिर कुछ पुराने जख्मो को कुरेद दिया ... 

अभी कुछ देर पहले जी न्यूज़ पर बताया गया कि कांग्रेस पार्टी के मुख्य पत्र सन्देश में एक लेख छपा है जिस में कि अमर शहीद सरदार भगत सिंह जी , राज गुरु जी और सुखदेव जी के बारे में आपत्ति जनक तरीके से उनके जाति और धर्म का उल्लेख है साथ साथ अमर शहीद सुखदेव को एक ऐसे हत्या कांड में शामिल बताया गया है जिस में उनकी कोई भूमिका थी ही नहीं !!

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष और इतिहासकार चमन लाल का कहना है कि सांडर्स हत्याकांड में सुखदेव शामिल नहीं थे, लेकिन फिर भी ब्रितानिया हुकूमत ने उन्हें फांसी पर लटका दिया। उनका कहना है कि राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह की लोकप्रियता तथा क्रांतिकारी गतिविधियों से अंग्रेजी शासन इस कदर हिला हुआ था कि वह उन्हें हर कीमत पर फांसी पर लटकाना चाहता था। 

अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था और वे हर कीमत पर इन तीनों क्रांतिकारियों को ठिकाने लगाना चाहते थे। लाहौर षड्यंत्र [सांडर्स हत्याकांड] में जहां पक्षपातपूर्ण ढंग से मुकदमा चलाया गया, वहीं अंग्रेजों ने सुखदेव के मामले में तो सभी हदें पार कर दीं और उन्हें बिना जुर्म के ही फांसी पर लटका दिया।  

क्या खुद को सेकुलर कहने वाली कांग्रेस अब शहीदों को जाति और धर्म के आधार पर बांटना चाहती है ... या शहीदों की लाशो पर चल कर वोट बटोरने के इरादे है !?

 यह कांग्रेस वाले यह क्यों भूल जाते है कि आज़ादी की लड़ाई में हमारे देश के इन अमर शहीद की भूमिका किस से कम नहीं है ... २३ मार्च १९३१ वो दिन जिस दिन इन तीनो को ब्रिटिश हुकूमत ने फ़ासी पर लटका दिया था !!

और १५ अगस्त १९४७ में हमारा देश आज़ाद हुआ ... जब कि १९३१ में हमारे अमर शहीदों का जलजला इतना गजब का था कि अगर इस कांग्रेस पार्टी ने उनको समर्थन दिया होता तो शायद आज़ादी १९४७ से बहुत पहले ही मिल गयी होती !!

खैर यह एक बहुत बड़ी बहस का मुद्दा है ... कांग्रेस ने देश को क्या दिया क्या नहीं वह बाद में देखेंगे पर फिलहाल कांग्रेस पार्टी को बिना शर्त राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए ... किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वो इन अमर शहीदों के सम्मान का हनन करें ! कांग्रेस वालों अपनी हद में रहो ...

यह देखें :- 

जन्मदिन पर विशेष :- सुखदेव को अंग्रेजों ने दी बिना जुर्म की सजा

 

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जागो सोने वालों ...

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

एक अपील :- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं ... ये सूरत बदलनी चाहिए

 एक अपील 



अन्ना हजारे जी की इस पवित्र सामूहिक महा अभियान में  मैं भी पूरी भावनात्मकता के साथ शामिल हूँ ... आप भी आइये !

इंक़लाब जिंदाबाद - जय हिंद !!
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दुष्यंत कुमार जी की एक कविता है ... शायद आपके कुछ काम आये ...

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए 
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जागो सोने वालों ...

बुधवार, 23 मार्च 2011

क्या भ्रष्टाचार के मामले में पीएम का नार्को टेस्ट होना चाहिए ?

नेटवर्क ६ वालो का एक सर्वे है :-

क्या भ्रष्टाचार के मामले में पीएम का नार्को टेस्ट होना चाहिए ?

    * हाँ (76%, 37 Votes)
    * नहीं (24%, 12 Votes)

आपकी क्या राय है ???
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जागो सोने वालों ...

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

क्या भारत में केवल नेता की जान कीमती है ??

रिहाई के लिए

मल्कानगिरी के अपहृत डीएम आरवी कृष्णा व इंजीनियर पबित्र मांझी की रिहाई के लिए रविवार, 20 फरवरी को प्रदर्शन करते स्थानीय निवासी।

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कम से कम जनता तो इनके साथ है ... बाकी किसी को इन की फ़िक्र है ऐसा लगता तो नहीं ... बातें बहुत हो रही है ... नतीजा कुछ भी नहीं ... अभी तक एक छोटा सा सुराग तक तो मिला नहीं है ... इंतज़ार हो रहा है ... डैड लाइन आगे बड़ जाए ... कहीं ऐसा न हो ... डैड लाइन के चक्कर में इन बेचारों की लाइफ लाइन डैड न हो जाए !

क्या इन अधिकारियो की जगह कोई नेता होता या ... नेता का पालतू कुत्ता होता ... तो भी इतना समय लिया जाता उचित कारवाही के लिए ??

क्यों इतना समय लिया जा रहा है इन लोगो की रिहाई में ... क्या इन लोगो की जान की कोई कीमत नहीं है सरकार की निगाह में !? 

अगर यही रवैया रहा तो कौन शामिल होना चाहेगा IAS और PCS में ??

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जागो सोने वालों ...

गुरुवार, 27 जनवरी 2011

जिन्हें नाज़ है हिंद पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

एक खबर के मुताबिक ...

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग [एनएचआरसी] का कहना है कि जन्म लेने से पहले ही देश में हर साल सात लाख लड़कियों की हत्या कर दी जाती है।
एनएचआरसी के सदस्य और पूर्व राजदूत रहे सत्यब्रत पाल ने कहा, 'जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है, उसे बच्चे के लिंग के बारे मे चिंता सताने लगती है। गैरकानूनी तरीके से गर्भ परीक्षण कराने पर जब भ्रूण के लड़की होने का पता चलता है तो उसकी हत्या कर दी जाती है।' उन्होंने कहा, 'भारत में हर साल एक वर्ष की उम्र से पहले ही 10 लाख 72 हजार बच्चों की मौत हो जाती है। लैंगिक भेदभाव वाली हमारी सोच इसकी सबसे बड़ी वजह है। लड़कों के बजाय लड़कियों की मृत्यु दर ज्यादा है।'

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जिन्हें नाज़ है हिंद पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???
  
ये कूचे ये नीलाम घर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवां जिन्दगी के
कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ ख़ुदी के?

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

ये पुरपेंच गलियां, ये बेख़ाब बाज़ार
ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

तअफ्फ़ुन से पुर नीमरोशन ये गलियां
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द किलयां
ये बिकती हुई खोकली रंग रिलयां

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

वो उजाले दरीचों में पायल की छन-छन
तनफ़्फ़ुस की उलझन पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों में खांसी की धन-धन

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

ये गूंजे हुए क़ह-क़हे रास्तों पर
ये चारों तरफ़ भीड़ सी खिड़िकयों पर
ये आवाज़ें खींचते हुए आंचलों पर

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख़ फ़िक़रे
ये ढलके बदन और ये मदक़ूक़ चेहरे

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

ये भूकी निगाहें हसीनों की जानिब
ये बढ़ते हुए हाथ सीनों की जानिब
लपकते हुए पांव ज़ीनों की जानिब

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

यहां पीर भी आ चुके हैं जवां भी
तनूमन्द बेटे भी, अब्बा मियां भी
ये बीवी भी है और बहन भी है, मां भी

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी
यशोदा की हमजिन्स राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत ज़ुलैख़ा की बेटी

जिन्हें नाज़ है हिंद
पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

ज़रा मुल्क के राहबरों को बुलाओ
ये कूचे ये गलियां ये मन्ज़र दिखाओ
जिन्हें नाज़ है हिंद पे उन को लाओ
 
जिन्हें नाज़ है हिंद पे वो कहाँ है ... कहाँ है ... कहाँ है ???

- साहिर लुधियानवी


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जागो सोने वालों ... 

मंगलवार, 25 जनवरी 2011

गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं






आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

जय हिंद !! 

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जागो सोने वालों ...

शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

मिठाई के नाम पर जहर का कारोबार

फर्रुखाबाद से मैनपुरी जिले में मिलावटी मिठाई की सप्लाई जमकर की जा रही है। नगर के अलावा कस्बाई व देहाती इलाकों में मिलावटी व रेडीमेड मिठाई की भरपूर खपत है।

उल्लेखनीय है कि जनपद के बड़े और छोटे मिष्ठान भण्डारों, चाय व परचून की दुकानों पर लाल, पीले व सफेद रंग की मिठाइयां बड़ी प्लेटों में सजी दिख जाती है। यह मिठाई रूपी जहर पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद से मारुति वैन में भरकर सप्लाई किया जाता है। दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से मिठाई के नाम पर जहर बेचने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

वैसे भी आसमान चूमती महंगाई के दौर में लोग सस्ती चीजें तलाशते हैं। 35 से 37 रुपये किलो चीनी बिक रही है और खोया से बनी मिठाई मात्र 120 रुपये किलो आसानी से मिल जाती है। जानकारी के अनुसार फर्रुखाबाद से मारुति वैन में भरकर आने वाली खोए की मिठाइयां दुकानदार को 60 रुपये किलो थोक में मिल जाती हैं। इन मिठाइयों को दुकानदार 120 रुपये किलो तक बेचकर दूने दाम कर लेते हैं। उन्हें इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि मिठाई खाने वाला मरेगा या जिंदा रहेगा। मिलावटी खाद्य पदार्थोँ की बाहरी जनपदों से सप्लाई को जिले के खाद्य निरीक्षक भी नहीं देख रहे हैं। 

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आखिर किस बात का इंतज़ार है ... क्या प्रशासन इस बात का इंतज़ार कर रहा है कि कोई बड़ी घटना हो जाए उसके बाद ही कारवाही की जायेगी ??

क्यों ना समय रहते इन मिलावटखोरो को पकड़ काफी सारी जाने बचा ली जाएँ !!
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जागो सोने वालों ...

मंगलवार, 4 जनवरी 2011

सोच रहा हूँ नेता बन जाए ...


जिस हिसाब से महेंगाई बढ़ती जा रही है ... सोच रहे है ... हम भी नेता बन जाएँ !!









एक
भी घोटाला कर लिए ... बस बन गया काम !









फिर रात के खाने में आलू और प्याज़ की सब्जी ... हम को तो सोच सोच कर ही स्वाद आ रहा है ... खाने मिलेगा तो क्या होगा !!!???
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सभी नेताओ से निवेदन है कि इस बढती हुयी महेंगाई को रोकें और आम आदमी को आम ही बना रहने दें ... हर कोई नेता बन गया तो आप लोगो का क्या होगा ??

और फिर अगर घोटाले ही घोटाले होते रहे तो हर घोटाले में मिलने वाली रकम भी तो कम होती जायेगी ... फिर घोटाला करने से लाभ ???

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जागो सोने वालों ...