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बुधवार, 29 सितंबर 2010

शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी का अंतिम पत्र

आज जब यह पोस्ट लिख रहा हूँ तो मन में केवल एक विचार आ रहा है .........जिस तरह हम लोगो ने कुछ लोगो को एकदम भुला दिया है ........क्या एक दिन हम लोगो को भी ऐसे ही भुला दिया जायेगा ?? 

वैसे इस सवाल का जवाब भी है मेरे पास .......जी हाँ ठीक इसी तरह ........बिलकुल इसी तरह से हम सब भी भुला दिए जाने वाले है !! अरे जब बड़े बड़े कारनामे करने वाले वीरो को हम लोग ने भुला दिया तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है ?? क्यों कर याद रखा जाए हम लोगो को ......ऐसा क्या कर रहे है हम किसी के लिए भी जो हमे याद रखा जाए ??
आइये एक ख़त पढवाता हूँ आप सब को .....
 
22 मार्च,1931,

“साथियो,
 
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता। मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है – इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज़ नहीं हो सकता। आज मेरी कमज़ोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वो ज़ाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक-चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए. लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरज़ू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देनेवालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी. हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सका. अगर स्वतंत्र, ज़िंदा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता. इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फाँसी से बचे रहने का नहीं आया. मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे ख़ुद पर बहुत गर्व है. अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतज़ार है. कामना है कि यह और नज़दीक हो जाए.
 
आपका साथी,
भगत सिंह ”
 
 
यह है शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी का अंतिम पत्र अपने साथियों के नाम  ..... हमारे नाम !!!

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शायद अब कुछ कहने कि जरूरत नहीं है ..........और अगर अब भी है तो यह हम सब का दुर्भाग्य है |
 
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जागो सोने वालो ...

रविवार, 26 सितंबर 2010

सिर्फ़ २ बाते .... आपसे !!

आज आप लोगो से सिर्फ़ दो बाते कहनी है .......वह भी अपनी कही हुयी नहीं है ....निदा फ़ाज़ली साहब ने कही है ..... पर क्या खूब कही  है | अपना काम तो सिर्फ़ आप लोगो का ध्यान इन बातों की तरफ करना है ! आगे आप की मर्ज़ी !


१ )  बच्चा बोला देख कर मज्जिद आलिशान .....
     अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान !
 
और
 
२ ) अन्दर मूरत पर चढ़े ....घी, पुड़ी, मिष्ठान .....
     बाहर खड़ा देवता सब से मांगे दान !

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हो सके तो ज़रा सोचियेगा इन बातों पर, हो सकता है बहुत से सवालो के जवाब शायद आपको खुद बा खुद मिल जाएँ !
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जागो सोने वालो ...

शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

ब्लॉग का जन्मदिन और ५० वी पोस्ट की गिफ्ट !!

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज कुछ खास नहीं बस यह बताना चाहता था कि आज आपके इस ब्लॉग ने १ साल पूरा कर लिए है और यह पोस्ट इस ब्लॉग की ५० वी पोस्ट है | इस डबल ख़ुशी के मौके पर आप सब को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ठीक एक साल पहले यह ख्याल आया कि एक नया ब्लॉग बनाया जाए जहाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ उन मुद्दों की बात हो जिन पर लोगो ने चुप्पी साध रखी है या जागते हुए भी सोते रहने का रवैया अपनाया हुआ है !

ब्लॉग बनाना तो कोई मुश्किल ना था पर सवाल था कि ब्लॉग का नाम क्या रखा जाए ...........फिर जवाब मिला .......

जागो सोने वालों ...

बस फिर क्या था अपना ब्लॉग चालू हो गया और भगवान् करे ऐसे ही चलता रहे !

अब ब्लॉग के जन्मदिन पर पोस्ट से बढ़िया गिफ्ट क्या होगी ?? 

तो जैसे ही पोस्ट लिखने बैठे तो देखा की ४९ पोस्टे तो हो चुकी है और यह होगी इस ब्लॉग की ५० वी पोस्ट मतलब कि डबल धमाका ऑफर एक के साथ एक मुफ्त जैसा तो हम ने भी मौका देख कर चौका मारा और लीजिये हाजिर है इस पोस्ट को ले कर !
एक बार फिर आप सब को बहुत बहुत बधाइयाँ ............ब्लॉग के एक साल पूरा होने और ५० वी पोस्ट की |
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जागो सोने वालो ...

बुधवार, 8 सितंबर 2010

मैनपुरी में कम्प्यूटर शिक्षा :- खुद फर्जी और बांट रहे असली ज्ञान - प्रशासन बेखबर , छात्र हैरान !!

मैनपुरी में कम्प्यूटर सेंटर कमाई का एक अच्छा जरिया बन चुका है। जगह-जगह खुले कम्प्यूटर सेंटर में से कई सेंटर फर्जी रूप से संचालित हो रहे हैं। जिनकी किसी संस्था से मान्यता प्राप्त नहीं है।
कम्प्यूटर के बढ़ते प्रचलन से लगभग सभी छात्र-छात्राएं कम्प्यूटर में अपना भविष्य खोज रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए जगह-जगह कम्प्यूटर सेंटर लोगों ने संचालित कर रखे है।
इन फर्जी सेंटरों पर कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर छात्र-छात्राओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर पंपलेट, बैनर आदि पर कम्प्यूटर सेंटरों की विशेषताएं लिखी है। वहीं कई सेंटरों के होर्डिग्स में तो जॉब देने की गारंटी भी है। इन विज्ञापनों को पढ़कर छात्र-छात्राओं की भीड़ कम्प्यूटर सेंटरों पर पहुंचती है। यदि जांच कर देखा जाये तो कई कम्प्यूटर सेंटर तो ऐसे हैं जिनका किसी भी संस्था से सम्बन्ध ही नहीं है।
इन सेंटरों पर कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर सिर्फ छात्रों को गुमराह किया जा रहा है। क्षेत्र में इन दिनों कम्प्यूटर सेंटरों की बाढ़ आ चुकी है। इसके अलावा कुछ कम्प्यूटर सेंटर ऐसे भी है जहां सेंटर पर थोड़ा बहुत सीख चुके छात्र ही शिक्षक बन बैठे हैं। ऐसे अधूरे ज्ञान वाले शिक्षक दूसरे को क्या सिखाते होंगे यह तो खुद ही समझा जा सकता है !! लेकिन इन अवैध संचालकों पर प्रशासन की नजर ही नहीं पहुंच रही है। ऐसे में आये दिन होने वाले फर्जीवाडो से इन छात्र-छात्राओं को बचाने वाला कोई नहीं दिखता !
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प्रशासन से यही उम्मीद की जा रही है कि वह अपनी नींद से जागे और जल्द से जल्द उचित करवाई कर इन छात्र-छात्राओं के भविष्य को बर्बाद होने से बचा लें !
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जागो सोने वालों ...